Mukammal Ishq Shayri by Ashish Raj Kiran
रोज कहते थे इश्क़ मुकम्मल होगा,
आज नहीं तो कल होगा,
कल-कल-कल, कल बीत रहे
ना जाने उनका कब कल होगा।
आज नहीं तो कल होगा,
कल-कल-कल, कल बीत रहे
ना जाने उनका कब कल होगा।
Roj kahte the ishq mukammal hoga,
aaj nahi to kal hoga,
kal-kal-kal, kal bit rahe,
na jane unka kab kal hoga.
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