Khud Ko Khatm Karke Hindi Shayari
खुद को खत्म करके तेरी मोहब्बत में
राह-ए-उल्फत में चलता हूं और गिरता हूं
मौत तो कब की आ चुकी थी मुझे
अब अपनी लाश कंधो पे लिए फिरता हूं
राह-ए-उल्फत में चलता हूं और गिरता हूं
मौत तो कब की आ चुकी थी मुझे
अब अपनी लाश कंधो पे लिए फिरता हूं
0 Comments
कृपया प्रतिक्रिया दें (Feedback Please)