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लिया है ज़ाम का सहारा अभी अभी मैंने
भुला दिया बेवफ़ा को.…-२
वो लम्हे गुजरे थे जो कभी संग तेरे ,
भुला दिया उन लम्हों को अभी अभी मैंने
लिया है जाम …

जला दिया उन खतों को अभी अभी मैंने
लिया है जाम …
वो दर्द - ए - इश्क परिंदा जो कैद था दिल में ,
उड़ा दिया उस परिंदे को अभी अभी मैंने
लिया है जाम …
अभी तलक लबों पर नाम था मगर,
दबा दिया है उन्हें प्याले से अभी अभी मैंने
लिया है जाम …
अभी अभी शुरु हुआ था मेरी जिन्दगी का सफ़र ,
डुबा दिया है कश्ती को अभी अभी मैंने
लिया है जाम का सहारा अभी अभी मैंने,
भुला दिया है बेवफा को अभी अभी मैंने।
- आशीष कुमार रावत
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