Iss Kadar | Ashish Raj Kiran - Web Author & Shayar
बारिश, बादल, चांद, हवाएं और ये शमा प्यारा, मुझे बेकार लगता है तुम्हारे बिन जहां सारा : Ashish Raj Kiran

Iss Kadar

इस कदर वो मुझको सताने लगे हैं
कभी यादों कभी ख्वाबों में वो आने लगे हैं,
जिधर भी मैं देखूं उधर वो ही वो है
हर चेहरे पे वो नजर आने लगे हैं |


- Ashish Kumar Rawat 'Saheb'

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