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बारिश, बादल, चांद, हवाएं और ये शमा प्यारा, मुझे बेकार लगता है तुम्हारे बिन जहां सारा : Ashish Raj Kiran

आप भी पढ़िए कोरोना वायरस पर लिखी कविता, खूब हो रही वायरल

कोरोना वायरस पर लिखी कविता

आज जहा एक ओर कोरोना वायरस का डर लोगो में व्याप्त है, वही इस डर के बीच में लोगो का मनोरंजन करने के लिए कोरोना वायरस की एक कविता आजकल खूब शेयर और लोगो के द्वारा पसंद की जा रही है। इस कविता को किसने लिखा, इसका तो पता नहीं पर ये सोशल मीडिया में काफी वायरल हो रही है। आप भी पढ़िए इस मजेदार कविता को..
गूगल फोटो

कोरोना देवी को समर्पित:

नेता की तरह खादी में
कल हम गए एक शादी में !!!!!!!

चारों तरफ डेटॉल और फिनायल 
की खुशबू महक रही थी।
सिर्फ करोना वाइरस की ही 
चर्चा चहक रही थी।।

रिश्तेदार मिल रहे थे
आपस में हँसते हँसते।
हाथ मिलाने की बजाय 
कर रहे थे सिर्फ नमस्ते।।

सब दूर दूर खड़े थे 
शादी वाले हॉल में।
मास्क ही मास्क रखे थे 
पहली पहली   स्टॉल में।।

इत्र वाले को मिला हुआ था
सैनेटाइजर छिड़कने का टास्क।
महिलाएं पहने हुए थी 
साड़ी से मैचिंग वाला मास्क।।

दूल्हा दुल्हन जमे स्टेज पर
थोड़ा दूर दूर बैठकर।
वरमाला भी पहनाई गई 
एक दूजे पर फेंककर।।

हमने भी इवेंट को देखा 
स्क्रीन पे थोड़ा दूर से।
मेकअप दुल्हन का भी 
किया गया था कपूर से।।

फेरों में भी उनके हाथ 
एक दूसरे को नहीं थमाए गए।
और तो छोड़ो उनके फेरे भी 
सौ मीटर दूर से कराए गये।।

इधर हम थूकने गए 
अपने पान की पीक।
उधर दूल्हे को आ गई 
बड़ी जोर से छींक।।

एक सन्नाटा सा छा गया 
उस पंडाल में चारों ओर।
दुल्हन को गुस्सा आ गया और
चली गई नहाने मंडप को छोड़।।

माफी लगा माँगने सबसे
तब दूल्हे का बाप।
रिश्तेदार एक दूजे की
शकल रहे थे ताक।।

छोड़कर खाना भूखे ही 
मेहमान घर को भागने लगे।
मेहमान तो छोड़ो हलवाई भी
बोरिया बिस्तर बाँधने लगे।।

हम शादी में जाकर भी 
यारों रह गए भूखे सरीखे।
जैसी हमपर बीती वैसी
किसी पर भी ना बीते।।

करोना देवी मेरी तुमसे 
एक विनती है हाथ जोड़कर।
इस दुनिया से अब तुम जाओ 
जल्दी ही मुँह मोड़कर।।

लेकिन सबक जरूर  सिखाना 
तुम उनको सीना तान कर।
जो मँहगा सामान बेचकर, 
लूट रहे है लोगों को तेरे नाम पर।।
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