Types of Mutual Fund (Mutual Fund के प्रकार)
Mutual fund कई प्रकार के होते हैं, आईये कुछ प्रमुख Mutual Fund के बारे में जानते हैं -
Assets Class के हिसाब से Mutual Fund तीन प्रकार के होते हैं-
- Equity Mutual Fund
- Debt Mutual Fund
- Hybrid Mutual Fund.
Equity mutual fund
Equity में इनवेस्ट करने वाले Mutual Fund को Equity Mutual Fund कहते हैं। इसमें निवेश किये गए सभी पैसे Stock Market में इनवेस्ट होते हैं। इस mutual fund के भी कई प्रकार होते हैं-
(A) Large Cap Fund
Large Market Capital की कंपनियों में Invest करने वाले फंड को Large Cap Fund कहते हैं। Large Market Capital कंपनियां वो होती हैं, जिनका Market Capital 1 लाख करोड़ से ज्यादा होता है। ये Large Cap कंपनियां बड़ी और काफी समय से स्थापित होती है और मार्केट में बहुत ज्यादा फेमस भी रहती हैं। यहां तक कि ज्यादातर Large Cap कंपनियां अपने-अपने सेक्टर की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक होती हैं। Financial Crisis के दौरान भी Large Cap कंपनियों के पास अच्छा खासा पैसा रहता है, इसलिए Large Cap कंपनियों में Small Cap & Mid Cap से कम रिस्क होता है। ये कंपनियां पहले ही सफल हो चुकी रहती है, इसलिए इन कंपनियों में Growth Possibilities भी कम होती है।
(B) Mid Cap Fund
Mid Cap कंपनियों में Invest करने वाले Mutual Fund को Mid Cap Fund कहते हैं। Mid Cap Fund में ऐसी कंपनियां आती है, जिनका मार्केट कैपिटल 5 हजार करोड़ से ज्यादा और 1 लाख करोड़ से कम होता है। इस Mutual Fund में बहुत ज्यादा रिस्क नहीं होता है और ग्रोथ भी बहुत ज्यादा नहीं होता है।
(C) Small Cap Fund
जब Small Cap Companies में Invest करने वाले Mutual Fund को Small Cap Fund कहते हैं।। इसमें 5 हजार करोड़ के मार्केट कैपिटल की कंपनियां आती है। ये कंपनियां development के शुरूआती दौर में होती है, इसलिए इसमें growth possibilities बहुत ज्यादा होती है। मगर इसके साथ-साथ इन कंपनियों का failure rate काफी ज्यादा होता है, जिसकी वजह से इस Mutual Fund का बहुत ज्यादा रिस्क होता है।
(D) Sector fund
ये किसी विशेष सेक्टर में इनवेस्टमेंट करते हैं। ये फंड भी Risky होता है, क्योंकि इस फंड में आपका पैसा पूरे तरह से उस सेक्टर पर निर्भर करता है। अगर आपका फंड उस सेक्टर में लग गया, जो सेक्टर अच्छा perform नहीं कर रहा तो आपको नुकसान हो सकता है।
जैसे- Reliance Media & Entertainment Fund, ये फंड सिर्फ Media & Entertainment सेक्टर में इनवेस्ट करती है, SBI Pharma Fund जो कि सिर्फ Pharma में ही इनवेस्ट करती है।
(E) Diversify Equity Fund
वो फंड जो अलग-अलग सेक्टर्स की और अलग-अलग मार्केट कैपिटल की कंपनियों में इनवेस्ट करते हैं, उसे Diversify Equity Fund कहते हैं। इस फंड में रिस्क बहुत कम होता है और आपका पैसा Diversify में इनवेस्ट होते हैं।
(F) Dividend Yield Scheme
इसमें कंपनी अपने प्रोफिट का कुछ हिस्सा कंपनी के शेयर होल्डर्स को देती है और इसे ही dividend कहते हैं। वैसे dividend देना किसी भी कंपनी के जरूरी नहीं होता है। Shareholders को dividend देना है या फिर नहीं ये निर्णय उस कंपनी के board of directors लेते हैं। Dividend Yield Fund स्थाई, सुरक्षित और कम बदलने वाली कंपनियों में इनवेस्ट करते हैं, यहां से Mutual Fund को अच्छा dividend मिल जाता है।
(G) ELSS (Equity linked Saving Scheme)
ये एक tax saver स्कीम है और इस स्कीम में आप 3 साल के कम समय के लिए इनवेस्टमेंट नहीं कर सकते हैं। ELSS में आपके पैसे 3 साल के लिए लॉक हो जाते हैं। इस स्कीम में आपको Section 80C के तहत 1.5 लाख तक के रिटर्न पर इनकम टैक्स से छूट मिलती है।
(H) Thematic Fund
ये फंड themes में इनवेस्ट करते हैं। HDFC housing opportunity fund एक Thematic Fund है, जो कि housing theme में इनवेस्टमेंट करती है। इसके लिए ये Mutual Fund सीमेंट कंपनी, पेंट कंपनी, कंस्ट्रशन कंपनी आदि में इनवेस्टमेंट करता है। इसके और भी कई examples हैं जैसे- Ruler Area Theme, E-Commerce Theme
Debt mutual fund
(A) Gilt Fund
जो funds सिर्फ government securities में इनवेस्ट करते हैं, उन्हें Gilt Fund कहते हैं। government securities को government issue करती है, इसलिए इसमें Default Risk बिल्कुल भी नहीं होता है। इसमें फंड स्कीम को चाहे नुकसान हो या फायदा पर आपको रिटर्न जरूर मिलेगा। इसके भी दो प्रकार होते हैं- Short Term & Long Term.
(B) Junk Bond Scheme
Junk Bond Scheme में corporate bonds में इनवेस्टमेंट किया जाता है। इसमें default risk बहुत ज्यादा होते हैं और इसमें return भी बहुत ज्यादा होता है।
(C) Fixed Maturity Plans
बैंक FD की तरह ही होते हैं और FDs की तरह ही low risk के होते हैं। इसमें पहले ही एक निश्चित maturity होती है जैसे- 3 साल, 5 साल। ये plans ज्यादातर certificate of deposit, commercial papers, corporate bonds etc. में इनवेस्ट करते हैं और इसका रिटर्न ज्यादातर बैंक FD से ज्यादा होता है।
(D) Liquid Scheme
ये Debt Fund Money Market instrument में इनवेस्ट करता है। money market instrument में वो financial instruments आते हैं, जिनके जरिए कंपनियां short term investment के लिए investors से पैसे उधार लेती है। Liquid fund बहुत short term period के म्युचल फंड में इनवेस्ट करते हैं। जैसे- commercial paper, certificate of deposits, treasury bills, term deposits. Liquid fund सेविंग अकाउंट से ज्यादा रिटर्न देती हैं और इसमें risk भी बहुत कम होता है। ये funds short term investment के लिए काफी अच्छा होता है। इसकी सबसे खास बात ये है कि इस fund से आप कभी भी अपना पैसा निकाल सकते हैं।
Hybrid fund
जो फंड जो एक से ज्यादा classes में इनवेस्ट होता है, Hybrid Fund होता है। ये फंड equity और debt दोनों में इनवेस्टमेंट करते हैं। इसके तीन प्रकार होते हैं-
(A) Monthly Income Plan
इस fund में ज्यादातर यानि 60 से 90% इनवेस्टमेंट debt instrument में किया जाता है और बाकि इनवेस्टमेंट equities में किया जाता है। इसमें ज्यादातर इनवेस्टमेंट debt instrument में किया जाता है, इसलिए ये फंड बहुत ज्यादा safe होता है। मगर इसका मतलब ये तो बिल्कुल भी नहीं है कि MIP एक Safe & fixed return देने वाला स्कीम है। इस फंड का कुछ हिस्सा equities में भी इनवेस्ट किया जाता है, इसलिए रिस्क तो रहता ही है। हां equity fund से compare किया जाए तो इसमें रिस्क कम होता है।
(B) Balanced Fund
नाम के मुताबिक आपको लग रहा होगा कि ये एक balance है यानि इसमें 50% Equity और 50% Debt में इनवेस्ट करते है। मगर ऐसा बिल्कुल भी नहीं है, इस फंड में 65% से 85 % तक पैसे equity में इनवेस्ट करता है और बाकि के पैसे debt instrument में इनवेस्ट किया जाता है। equity balance fund में रिटर्न्स अच्छे आते हैं पर risk काफी ज्यादा होता है।
(C) Arbitrage fund
Arbitrage Funds के जरिए बदलने वाले मार्केट में इनवेस्टमेंट किया जाता है। इसमें रिस्क काफी ज्यादा होता है। इसमें 65% से ज्यादा पैसा equities में इनवेस्ट किया जाता है। इसमें आप जो पैसा इनवेस्ट करते हैं वो safe तो रहता है पर इसमें returns कम ज्यादा होते रहते हैं।इस fund में returns ज्यादातर 6-10% तक आते हैं।
Example- जब किसी स्टॉक की कीमत Cash Market में 200 रुपये हो और Derivate market में उसी स्टॉक की कीमत 210 रुपये हो । तब इस इन दोनों के बीच जो 10 रुपये का अंतर आ रहा है वो arbitrage fund से कमाया जाता है।
Structure के हिसाब से Mutual Fund के प्रकार
Structure के हिसाब से Mutual Fund दो मुख्य type होता है- Open Ended Fund & Close Ended Fund. इसके अलावा एक और फंड होता है Interval Fund, ये फंड बहुत ही कम होते हैं।
1. Open ended fund
ज्यादातर Mutual Fund Schemes Open Ended होते हैं और इस फंड को आप कभी भी buy & sell कर सकते हैं। Open Ended Fund कितने भी units issue कर सकता है।
2. Close ended fund
बहुत ही कम Mutual Fund Close Ended Fund होते हैं, इसमें एक fix units के साथ फंड आते हैं। इस Fund को आप हर वक्त buy &sell नहीं कर सकते हैं। जब ये फंड अपना NFO-New Fund Offer लेकर आता है, तब ही आप इस फंड में इनवेस्ट कर सकते हैं। अगर आपको इस Fund को बेचने का मन होगा तो आपको उस फंड के maturity तक का इंतजार करना होगा या फिर आप इस फंड को Stock Exchange से buy & sell कर सकते हैं। ये funds stock exchange में लिस्ट होती हैं, मगर Close Ended Fund की liquidity बहुत कम होती है इसलिए आपको इस फंड के buyers & sellers मुश्किल से मिलेंगे।
Sources: News portal, money control, and some others.
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