प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी में परदे के पीछे की कुछ झलक
राम मंदिर अयोध्या - प्राण प्रतिष्ठा
अयोध्या में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की तैयारियां जोरो पर हैं, जिससे समस्त भारत में राम भक्तों में उत्साह की लहार दौड़ रही है। अयोध्या के आस पास के जनपदों को इस तरह से सजाया जा रहा है मानो दिवाली का त्यौहार है। भक्तों का हर्षोउल्लास से भरा हृदय उस घड़ी का इंतजार कर रहा है, जिसमे राम लला की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। समस्त मीडिया भी लगातार पिछले कुछ दिनों से अयोध्या में चल रही तैयारियों की पल-पल की खबर दे रहा है। हम सब अपने-अपने घरों का टेलीविज़न ऑन करते हैं और ये सब देख कर गदगद होकर सो जाते हैं। परन्तु अयोध्या में चल रही इन तैयारियों के पीछे की खबरें कौन सा मीडिया दिखा रहा ? परदे पर चलाये जा रहे दृश्यों के पीछे की कहानी पर ध्यान देना आवश्यक है।
Did Ram say, kick out the poor?
जाहिर सी बात है भारतीय मीडिया ये सब तो दिखाने से रहा, खैर आज सोशल मीडिया का जमाना, खबरे तो उजागर होंगी ही। अयोध्या में नयाघाट से लेकर सहादतगंज तक 14 किलोमीटर लम्बा रामपथ बनाया जा रहा है। इस रास्ते में आने वाले घरों, दुकानों, मंदिर और मस्जिदों को हटाया जा रहा है एवं साथ ही काफी लंबी परिधि के अंतर्गत आ रहे हैं सभी घरों को खाली कर तोड़ा जा रहा है, क्यूंकि प्रभु श्रीराम जी का मंदिर निर्माण करना है। परन्तु मुद्दा यह नही है कि घरों और दुकानों को हटाया जा रहा है, मुद्दा तो यह है कि लोग बेघर हो रहे हैं एवं मंदिर निर्माण आगे न तो सरकार और ना ही प्रशासन बेघर लोगों की सुध ले रहा है। काफी लोग जिनका घर तोडा गया ना तो उनको अभी तक मुआवजा मिला और न ही कहीं उनके रहने का बंदोबस्त किया। कुछ लोग तो इतनी कड़ाके की ठण्ड में भी बहार रात गुजारने के लिए मजबूर हैं। अब प्रश्न यह उठता है कि आखिर इन गरीब लोगों की कौन सुने? जाहिर सी बात है कि चुनाव नजदीक है, शायद इसीलिए सरकार राम मंदिर निर्माण में इतनी तेजी के साथ काम करा रही है। लेकिन सरकार को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि इतनी तत्परता से कार्य तो कराया जा रहा है परन्तु इसके कारण जनमानस को दिक्कत नहीं होनी चाहिए। क्या राम राज्य में ऐसा ही होना चाहिए? क्या भगवान राम ऐसा चाहते हैं की जनता इस कदर दरबदर भटके? नीचे सोशल मीडिया से प्राप्त कुछ वीडियो साझा कर रहा हूँ, शायद आप इन गरीब लोगों का दर्द समझ सके-
अगर आज के जमाने में सोशल मीडिया ना होता तो सारे लोगों का यह दर्द बाहर उजागर भी ना होता। क्योंकि आप भली भांति अवगत ही है कि आज की मीडिया किस तरह से अपना काम कर रही है, मीडिया के विषय में ज्यादा चर्चा करना जरूरी नहीं है सबको पता है। ऐसे ही नहीं इंटरनेशनल लेवल पर भारत की पत्रकारिता निम्नतम स्तर पर जा पहुंची है। खैर आप लोग अपने विवेक से इस पोस्ट को समझिये, राम मंदिर बन रहा है ख़ुशी की बात है पर जनमानस का ख्याल भी रखा जाना चाहिए। किसी का घर उजड़े तो उसका घर बनना भी चाहिए, वरना आप श्री राम जी की कृपा के प्रात्र आप नहीं बन सकते।
मेरा आग्रह यही रहेगा सरकार से कि मंदिर निर्माण में तोड़े गए घरों और दुकानों के,एवज में घर बना कर दिया जाये या मुवाअजे के तौर पर इतनी धनराशि दी जाये कि जो लोग बेघर हुए वो घर बनवा सके।
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